कजरी: हरेश्वर राय

हरि हरि बाबा के लगावल फुलवरिया
चलीं जा उजारे ए हरि।
ओही फुलवरिया में चम्पा चमेली सुंदर
आरे रामा कठिया लगाके चलीं बारे
चलीं जा उजारे ए हरि।
ओही फुलवरिया में तितली फतिंगी उड़ें
आरे रामा चलीं जा पंखिया कबारे
चलीं जा उजारे ए हरि।
ओही फुलवरिया में सावन के झूला रामा
आरे रामा चलीं जा ओके तुरे- तारे
चलीं जा उजारे ए हरि।
ओही फुलवरिया में बाबा के आत्मा रामा
आरे रामा चलीं जा ओहके अखाड़े
चलीं जा उजारे ए हरि।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

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