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पढ़इबs का घंटा: हरेश्वर राय

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मोंछ सफाचट बा त मुंड़इबs का घंटा आँखि बिया कानी लड़इबs का घंटा। मंगरुआ दुआरे चढ़ि झोंके रोज गारी लऊरि ना पनही तड़तड़इबs का घंटा। माल लेके जात बाड़न सेठजी अकेले पिस्तउलो त बा ना अड़इबs का घंटा। जाड़ा में पाहुनजी के होई जब आमद राजाई में सइ छेद ओढ़इबs का घंटा। ना पोथी ना पतरा ना मानस ना गीता लइकन के क्लास में पढ़इबs का घंटा। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

मुखिया चढ़ल बाड़न चनरा के कपार प: हरेश्वर राय

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मुखिया चढ़ल बाड़न चनरा के कपार प नमिनेसन कइलस पिअरो के बाजार प ना। लमहर कुरुता बा सिअववले ओह में भईंसा बा घुसववले खुरिआ पटकत बड़ुए चउक प बाजार प नमिनेसन कइलस पिअरो के बाजार प ना। रोजे दिन दिन भ फेंकरत बा सभके दिन भर मुंड चरत बा रहि रहि टूटsत बाटे नेमुआ के आँचार प नमिनेसन कइलस पिअरो के बाजार प ना। जहवाँ भीड़ देखत बा चनरा ओइजे बनि जाता बनबकरा लोगवा मुँह चोरा के हँसत बा मक्कार प नमिनेसन कइलस पिअरो के बाजार प ना। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

का फाएदा: हरेश्वर राय

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नोकरी के माने गूलरिया के फूल त पढ़ला पढ़ौला से का फाएदा। जब बुझे के नइखे मरम नेह के त नयना लड़ौला से का फाएदा। जब मयवे में माँजे के रहे लेवाड़ त झोंटवा बढ़ौला से का फाएदा। नाचे के नइखे जब तनिको सहूर त घुघ्घुर बन्हौला से का फाएदा। बे- परदे रहे के चलन चल रहल त परदवा गिरौला से का फाएदा। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

खुलेआम कलमदान मत राखीं: हरेश्वर राय

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अपना मन में गठान मत राखीं संघतिया गिरगिटान मत राखीं। चारु ओरिए चोरन के चानी बा चनिया भरल दीवान मत राखीं। बड़ी जालिम जबाना बा, एहसे अन-जानल दरबान मत राखीं। मौनियाबाबा बने से बाज आईं कुक्कुर भी बेजबान मत राखीं। बहुते खतरा बा कलम चोरी के खुलेआम कलमदान मत राखीं। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

हमार भोजपुरी: हरेश्वर राय

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हमार भोजपुरी हमार भोजपुरी सुनरो से सुनरी हमार भोजपुरी। भोर के ललाई ई शाम के सेनुरी सरसों के पियरी हमार भोजपुरी। राधा के मुस्की लवाही के गुल्ला मधुरो से मधुरी हमार भोजपुरी। मिसिर भिखारी के पूर्बी पेआरी फूलन के दउरी हमार भोजपुरी। अंगना के चौरा के तुलसी हई ई मोहन के बँसुरी हमार भोजपुरी। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

मत राखीं: हरेश्वर राय

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दुअरिआ प दरबान मत राखीं संघतिया गिरगिटान मत राखीं जबाना बहुते बाउर बा ए लोगे अब कुकुर बेजबान मत राखीं। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

गजब हाल बा: हरेश्वर राय

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रसगुल्ला खइला जमाना हो गइल महंगा साबूदाना मखाना हो गइल। मेहरारु के माथे एगो लइको भइल त ऊहो ससुरा ऐंचा ताना हो गइल। पियक्कड़ी के सवख अतना बा कि दवा के दोकान मयखाना हो गइल। अगहन तक बबवा माला फेरत रहे फागुन से बबवा मौलाना हो गइल। बिकास त देस में अतना भइल कि घरे घरे एकsगो पयखाना हो गइल। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

चमक्क चलs राजा: हरेश्वर राय

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आइल चुनौआ चमक्क चलs राजा मारि गमकौआ गमक्क चलs राजा पिअरो बजरिया प लागsता मजमा लेइके सफरिया बमक्क चलs राजा। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

माहटर 3: हरेश्वर राय

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जे हिन्दू ना मुसलमान होला माहटर कहाला जेकर रोजहीं अपमान होला माहटर कहाला ब्रम्हा बिसुन महेस कहि के मजाक मत करीं जेकर करिया दिनमान होला माहटर कहाला। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

माहटर 2: हरेश्वर राय

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माहटर के जबान त होला, पेट ना होला पाएंट कुरुता त होला, पाकेट ना होला माहटर के चाना के झाड़ प मति चढाईं माहटर बेचारा होला मजिस्टेट ना होला। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

माहटर: हरेश्वर राय

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माहटर बदहाले नीक लागेलन माहटर तंगहाले नीक लागेलन फाटल कुरुता बइठल लागेलन माहटर फटहाले नीक लागेलन। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

गुरु गुरे रह गइले: हरेश्वर राय

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गइनी कमाए इज्जत तौहीनी हो गइल मेहरारु रहे धनिया दालचीनी हो गइल होला चाल जिलेबिया काल के बबुआ गुरु गुरे रह गइले चेला चीनी हो गइल। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

सुनीं जसोदा के ललना: हरेश्वर राय

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सुनीं जसोदा के ललना सुनीं जसोदा के, जसोदा के ललना देत बानी रउरा के उलहना जसोदा के ललना। कंसवा ठहाका मारे, नाग फुफुकारे बक्कासुर पुतना के चलती बा प्यारे एहनी के आईं थूरीं थुथुना जसोदा के ललना। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

अकेल बानी: हरेश्वर राय

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ना संगी ना साथी अकेल बानी पेआर के परीक्षा में फेल बानी कब भिहिला जाइब का मालूम ढिमिलाइल माटी के ढेल बानी। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

किसिम अदिमी के ना मालूम कतना बाटे: हरेश्वर राय

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केहू बहरी से राजा अंदर से कलंदर होला अदमिओ के पैदाइश भी कबो बंदर होला किसिम अदिमी के ना मालूम कतना बाटे केहू सुथनी केहू बएगन केहू चुकंदर होला। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

सुनि ल सखिया: हरेश्वर राय

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सुनि ल सखिया हो हमरी सुनि ल सखिया, मोरे बलमा बहुत अनाड़ी सुनि ल सखिया। धोती पहिरे पगरी बान्हे खभड़ी मोछि रखावे रसगुल्ला के नाँव सुने त लार बहुत टपकावे भच्छे दही भर-भर हांड़ी सुनि ले सखिया। मुँहेलुकाने मुँह धोवेला मोटकी दतुअन लेके हमरा ओरिया देखि देखि के गजबे मुसकि फेंके साँझ फजिरे बल्टी लेके दूहे भुअरी पाड़ी सुनि ले सखिया। दिन भर खेते - खार रहेला झलको ना देखलावे अँकवारी में भरि भरि लेला जसहीं पलखत पावे हाँके तेज बैलागाड़ी सुनि ले सखिया। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

मुखवटा के चलन बाटे: हरेश्वर राय

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कवन बगली बा जे में कमी नइखे कवन नयना बा जे में नमी नइखे मुंह प अब मुखवटा के चलन बाटे कवन अदमी बा जे फिल्मी नइखे। हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.