ओ माई गॉड: हरेश्वर राय

कइसन आ गइल जबनवा, ओ माई गॉड
थर- थर कांपेला बदनवा, ओ माई गॉड।

भारत चीन बनल बा भाई गउंआ के चौपाल
केहुओ आपन दाल गलावे केहू बजावे गाल
खतम बा बाएनs पेहनवा, ओ माई गॉड।

कुल्ही शिखंडी घूमत बाड़े बनके बड़का भूप
लोटवा आ बल्टी के छोड़ीं भंग घोराइल कूप
लुक्कड़ बहे अगहनवा, ओ माई गॉड।

बिलरा के जिम्मे दिहल बा दही के रखवारी
दिने दहाड़े मारल जाले मनराखन बनवारी
तुरला खातिर बैंगनवा, ओ माई गॉड।

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट

मुखिया जी: उमेश कुमार राय

मोरी मईया जी

जा ए भकचोन्हर: डॉ. जयकान्त सिंह 'जय'

भोजपुरी कहानी का आधुनिक काल (1990 के बाद से शुरु ...): एक अंश की झाँकी - विष्णुदेव तिवारी