चानी काटsत बानी रउआ राजधानी में: हरेश्वर राय

पतझड़ ढुकल आके हमनी के बगानी में
चानी काटsत बानी रउआ राजधानी में ।

फूलन के बूनी में रावा ओने भींजत बानी
एनिया बज्जर गिरतs खेत- खरिहानी में ।

साठा वाला पाठा बनके जानी उड़त बानी
घुनवा लागि रहल बा हमनी के जवानी में ।

छानत घोंटत रावा बानी मेवा अउर मलाई
खलिहा तसला एनिआ ढनकता चुहानी में ।

हमनी के बोली भासा के कइनी भूंसी भूंसी
रावा बोलत बानी खलिसा अब जापानी में।

आईं आईं राजा जानी आंख बिछवले बानी
चुकुता करबs कुल्ह हिसबवा अगुआनी में।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

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