नाया गीत गावे द: हरेश्वर राय

खोल द केवारी आ तेज हवा आवे दs
कोनवा के सीलन के गरदा उड़ावे दs।

सांस लिहल मुसकिल बा घुटsता दम
फोर के देवाल एगो खिड़की बनावे दs।

आज रतिया सियाही से बिया नेहाइल
दीयवा के टेम्हिया से खोठी हटावे दs।

चारु देनिये पसरल बा चुप्पी के जंगल
एह चुप्पी के जंगल प ढेला चलावे दs।

अब त बंदी जबान के रिहाई जरुरी बा
जाए द बहरी अब नाया गीत गावे दs।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

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