सरकारी बोक्कड़: हरेश्वर राय

कल्हिआं कहत रहलन बच्चू पटवारी ए बाबा
आइल बड़ुए एग्गो बोक्का सरकारी ए बाबा।

बकरे जैसन इहो बसाता एकदम्मे बोकराइन
नाक दबा के कहत रहलीहs नटुरो ठकुराइन
कादो एक नमर के बड़ुए ब्यभिचारी ए बाबा।

टुंगिया टुंगिया टूस्से खाता ई बोकड़ा सरकारी
लागत बा कि बांचे ना दी गोएंड़ा के तरकारी
डर से केहुओ नइखे मारत टिटिकारी ए बाबा।

करत फिरत बा बोबो बाबा संउसे गांव जवार
छींटत बाटे आपन लेंड़िया सभके खेत- बधार
चलतs अइसे बाटे, जइसे अधिकारी ए बाबा।

देखे में पड़वा जस लागे मुंह बा थोबर- थाबर
तहरे झबरा कुकुरा जइसन उ बाटे चितकाबर
ओकरा दरसन खाति होता मारामारी ए बाबा।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

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