हमरा प्यार हो गइल: हरेश्वर राय

हमके रोग एगो बड़ी बरियार हो गइल
यार प्यार हो गइल यार प्यार हो गइल।

कवनो नैनन के बान आ करेजा धंसल
कठकरेजावा हमार कचनार हो गइल।

केकरो रुप के नसा आंख में आ बसल
हमरी जिनिगी से चएन फरार हो गइल।

कवनो पुरवा निगोड़िया के पाके छुवन
दरद दिल के समुंदर में ज्वार हो गइल।

हमपे दइबा के किरिपा बा भारी भइल
इ प्यार जीए ला ठेहा बरियार हो गइल।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट

मुखिया जी: उमेश कुमार राय

मोरी मईया जी

जा ए भकचोन्हर: डॉ. जयकान्त सिंह 'जय'

डॉ. बलभद्र: साहित्य के प्रवीन अध्येता - विष्णुदेव तिवारी

सरभंग सम्प्रदाय : सामान्य परिचय - डॉ. जयकान्त सिंह 'जय'