गुरुजी: हरेश्वर राय
उबारीं गुरुजी जी उबारीं गुरुजी
एके बा हंथजोरी उबारीं गुरुजी।
माया के कादो में जीव लेटाइल
कइसे के फींचीं पसारीं गुरुजी।
हर देने बाटे अन्हारे-अन्हार जी
रावा तनिका सा दीं दीयना बारी।
हमरा मुरख के दीं रहिया देखाई
इहे भीखिया मांगता बा भिखारी।
एके बा हंथजोरी उबारीं गुरुजी।
माया के कादो में जीव लेटाइल
कइसे के फींचीं पसारीं गुरुजी।
हर देने बाटे अन्हारे-अन्हार जी
रावा तनिका सा दीं दीयना बारी।
हमरा मुरख के दीं रहिया देखाई
इहे भीखिया मांगता बा भिखारी।
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