काहे मारेल मुसुकिया: हरेश्वर राय

काहे मारेलs मुसुकिया तू ऐसन जनमार
कि कइलs हियरा में हमरा दरारे - दरार।

मिलबs त तोहके बताइब हम संघतिया
कि बच्चू सचहूं के हईं हमहूं तिरहुतिया
तहरा मुसुकी मिसाइल से होई तकरार।

जवन वादा भइल बा तूं जनि भूल जइह
कबो दोसरा के देखके तूं जनि मुसुकइह
तहरा मुसुकी प बाटे हमार एकाधिकार।

जदि बतिया ना मनबs ए बचवा हरेसर
त दिहबs छोड़ाइ तहार बनल परफेसर
दिलफेंक बनल छूटी तहार एही एतवार।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

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