जीय हो जीय ढाठा: हरेश्वर राय

जीय हो जीय ढाठा
साठा में बनल रहs बाईस के पाठा।

तोहके खिआइब मलीदा- मलाई
बोतल के  बोतल पियाइब दवाई
भुअरी के घीव से बनाइब फराठा।

रउरा के नाया पोसाक सियवाइब
लावा मोबाइल रवा के दियवाइब
जूता किनाइ सुनीं नाइकि भा बाटा।

आन्ही आ पानी से तोहके बचाइब
लूक से बचावे ला सतुआ पियाइब
रउरे नावें लिखाई हमार बीसो काठा।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

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