गजब हो गइल

 मइया घरवा तोरा कहइनी सासू घरवा रउरा 
गजब हो गइल,
बुचिया गउरी भइली गउरा, गजब हो गइल।

रहीं कनेयां त हमरा के, खूब खिअवली सासूजी
पुहुट बनावे खाति हमके, दूध पिअवली सासूजी
आरे थोरहीं दिन में हो गइनी हम, गरई से सउरा
गजब हो गइल।

चूल्हा मिलल, चौका मिलल, मिलल चाभी ताला
रिन करज के बोझा मिलल औरु छान्ह के जाला
अब परे लागल इयाद त हमरा आपन ननिअउरा
गजब हो गइल।

केस उजराइल, मुंह सूखाइल, आंख-कान बेराम
गजबे के ई जिनिगी बिया समझ ना आइल राम
देखते देखत हो गइनी एकदमहीं हम बसिअउरा
गजब हो गइल।

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