राय रमेसर गांव में

भक भक बींड़ी धूकत फिरेले राय रमेसर गांव में
पचपच पचपच थूकत फिरेले राय रमेसर गांव में।

नेहा धोआ के खा के पी  के मार बिदेसिया इत्तर
झारि के लुंगिया घूमत रहेले राय रमेसर गांव में।

कबहूं मोटको कबो पतरको से सटिसटि सटरावें
चचिया के घरवा चाह पीएले राय रमेसर गांव में।

कन्हिया प हरदम राखेले लाल बिन्हचली गमछी
आपन किरिया खात फिरेले राय रमेसर गांव में।

बिन काठी के आग लगाके मनहीं मन मुसुकालें
गड़हे- गड़हा खोनत फिरेले राय रमेसर गांव में।

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