हमार सुगउ हो हमार सुगउ हो हमार सुगवा

हमार सुगउ हो हमार सुगउ हो हमार सुगवा
चलि गइलs कवना देसवा हो हमार सुगवा।

सवख आ सिंगार अब हम केकरा पर करम
मीतवा केकरा पिरितिया में रात- दिन जरम
केकरा ऊपर करब अब हम गरब  गुमनवा।

रहलs अलम तूहीं एह हमरी जिनिगिया के
रहलs सियाही तूं एह जिनिगी कलमिया के
नाइ जिनिगी के हमरी तूं रहs खेवनिहरवा।


का हड़बड़ी रहे अबहीं कुछ दिन त जीहीतs
जिनिगी के गुदरी अभी कुछ दिन त सीहीतs
छोड़ी के काहे भगलs तू माया के मुलुकवा।

सभके एक दिन बोलउवा त अइबे करी जी
जे भी आइल बा एहिजा ऊ जइबे करी जी
बड़ुए अइसने बनावल बिधना के बिधनवा।

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