त केहू के हंसी आवता: हरेश्वर राय

 केहू के मकान गिरता, त केहू के हंसी आवता
केहू के दोकान जरता, त केहू के हंसी आवता
अदिमिन के अंदरा के अदिमियते मू गइल बा
केहू के अरमान जरता, त केहू के हंसी आवता।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

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