सुनीं जसोदा के ललना: हरेश्वर राय



सुनीं जसोदा के ललना
सुनीं जसोदा के,
जसोदा के ललना
देत बानी रउरा के उलहना

जसोदा के ललना।
कंसवा ठहाका मारे, नाग फुफुकारे
बक्कासुर पुतना के चलती बा प्यारे
एहनी के आईं थूरीं थुथुना
जसोदा के ललना।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

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