कउआ - डॉ. जयकान्त सिंह 'जय'



डाल के आंकड़ पर आंकड़
घइली का पेनी के पानी
ऊपर ले आवे के
तरकीब जानेला कउआ।
लूझ के
असावधान का हाथ से रोटी
खा जाए के होसियारी
हुनर मानेला कउआ।
कउआ
जीअत मुअल
कुछऊ खाए के अभ्यसत होला।
मानव, दानव भा देवता
केहू का माथ पर
बीट करके
उड़ जाए में मस्त होला।
ओकर इहे रहन
ओकरा जिनगी ला काल हो गइल
एक बेर अइसन पड़ल बेमार कि
दवा-बीरो अछइत
जीअल मोहाल हो गइल।
फेर, बोलल मतारी से
भाख ना भारा कवनो देवी देवता के
ताकि हम निरोग होखीं।
मतारी बोलल
जरूर भखतीं ओकर भारा
जो कवनो देवी देवता पर
तोहरा बीट ना करके
जो संजोग होखी
केहू देवी देवता
बाकिर के माथ
तोहरा से छूटल नइखे
अब तोहरा निरोग होखे के
लागऽता जे सुयोग
जुटल नइखे।
डॉ. जयकान्त सिंह 'जय'
प्रताप भवन, महाराणा प्रताप नगर,
मार्ग सं- 1(सी), भिखनपुरा,
मुजफ्फरपुर (बिहार)
पिन कोड - 842001

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट

मुखिया जी: उमेश कुमार राय

मोरी मईया जी

जा ए भकचोन्हर: डॉ. जयकान्त सिंह 'जय'

डॉ. बलभद्र: साहित्य के प्रवीन अध्येता - विष्णुदेव तिवारी

सरभंग सम्प्रदाय : सामान्य परिचय - डॉ. जयकान्त सिंह 'जय'