बचल रहीहे रे भाई: उमेश कुमार राय



बचल रहीहे रे भाई
दुनिया में ढेरे झोल बा।

रोआं गिरवला से 
मखन लगवला से
गोल-गोल घुमवला से
मीठ बतिअवला से
बचल रहीहे रे भाई।

बुड़बकवन के बोली से
गुुंडवन के गोली से
लंगवन के हमजोली से
ठगवन के टोली से
बचल रहीहे रे भाई।

मुँह बिचकवला से
नजर चुरवला से
दँतनिपोरवा से 
मुँहफेरवा से
बचल रहीहे रे भाई।

नेतवन के वादा से 
आत्म विश्वास जादा से 
बिगड़ल कायदा से 
नाजायज के फैदा से 
बचल रहीहे रे भाई।

देश के गद्दार से
रंगल सिआर से
बुढ़़ापा के प्यार से 
दुश्मन के हथियार से 
बचल रहीहे रे भाई।
सम्प्रति:
उमेश कुमार राय
ग्राम+पोस्ट - जमुआँव
थाना- पीरो, जिला- भोजपुर (बिहार)


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