ई नएको साल ओदारी खाल: हरेश्वर राय

ई नएको साल
ओदारी खाल।

डेल्टा आ ओमिक्रान रही
सांसत में जान परान रही
पूरे साल बस चली चुनाव
ठेंगा प नियम बिधान रही

सालों भर बस
कटी बवाल।

घंटा मिली केहू के नोकरी
बी ए चरइहें बकरा बकरी
लंगटे महंगाई डाइन नाची
ओठे ओठे लउकी फेफरी

दुलुम होई
तर्कारी दाल।
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट

मुखिया जी: उमेश कुमार राय

मोरी मईया जी

जा ए भकचोन्हर: डॉ. जयकान्त सिंह 'जय'

डॉ. बलभद्र: साहित्य के प्रवीन अध्येता - विष्णुदेव तिवारी

सरभंग सम्प्रदाय : सामान्य परिचय - डॉ. जयकान्त सिंह 'जय'