कुछ भोजपुरी दोहे: बिमल कुमार
दिल दिमाग में भरि गइल, जब ले फुहर बिचार।
मनई तब ले हो गइल, पसु बड़का खूंखार।।
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उजियारा नोकर बनल, अँधियारा के गेह।
सूझे ना अब रासता, आस भइल सभ रेह।।
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अँधियारा से लड़ि दिया, करे सदा उजियार।
देख नफा घाटा मनुज, लेला बदल बिचार।।
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नेटा नकटी खोंट थुक, कींची अउर खखार।
गँवई बुतरू के हवे, मुखड़ा के सिंगार।।
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कूद-कूद बानर नियन, देले सन हग मूत।
गँवई लरिकन के इहे, होला खास सबूत।।
सम्प्रति:
विमल कुमार ग्राम +पोस्ट - जमुआँव, थाना- पीरो जिला- भोजपुर, आरा (बिहार) |
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