उचरS हो कागा: हरेश्वर राय

उचरS
उचरS हो कागा।

ना कादो के प॔जरा गइनी
राख धूरि में ना लसरइनी

चुनर में
दाग कहां से लागा?

नइहर मे रतजगा कइनी
ससुरा में ना घूघ उठइनी

बेसर
के लूटि भागा?
हरेश्वर राय, सतना, म.प्र.

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