साहित्य में काल को किसी सीमा में बाँधना वैज्ञानिक कभी नहीं रहा क्योंकि किसी भी काल में कोई भी प्रवृत्ति या चित्तवृत्ति अचानक नहीं उत्पन्न होती है अथवा विलुप्त होती है। अचानक भाव उत्पन्न होते हैं, भावनायें समुद्भूत होती हैं। जब काल विशेष में सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक आदि परिवर्तन बड़े स्पष्ट हो जाते हैं और उनसे प्रभावित होकर साहित्य भी तद्नुसार अपना चोला बदल लेता है, तो कहा जाता है-युग परिवर्तन हुआ। कभी-कभी साहित्य दूर के प्रभावों से भी अपना रूप बदलता है, फिर भी, वैसा परिवर्तन ही दीर्घजीवी होता है, जो स्वयं साहित्य विशेष की अपनी आंतरिक सर्जनात्मकता से घटित होता है, बाह्य उद्दीपकों से नहीं। 1990 के बाद विश्व स्तर पर झकझोर देने वाली तमाम घटनायें हुईं, जिन्होंने मानव जाति के सारे वितान अस्त-व्यस्त कर दिए। मेहनतकशों के लिए आशादीप बना सोवियत रूस बुझ गया, बिखर गया और पूँजीवादी संयुक्त राज्य अमेरिका के शोषक-स्वप्न निखर गए। नव उदारवाद ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पंख लगा दिए और अर्थतंत्र विदेशी पूँजी से उड़ने लगा। किन्तु इस उड़ान ने बाजार के सारे बंद वातायन खोल दिए। पूँजी के अबाध
All of the best roulette apps we’ve really helpful supply a range of games could be} played utilizing actual money. From all your favourite classics to the most well liked|the most popular} new games, The Pasha Global offers selection of|quite so much of|a wide selection of} games spread across the on line casino flooring. Whether you're a newbie or an skilled slot participant, you are certain 더킹카지노 to discover a recreation that fits your profitable streak.
जवाब देंहटाएं