होली: उमेश कुमार राय
अवध बीचे,
होली खेलत रघुवीर।
सखिया सब अबीर लेई खोजत,
रामाई लुकाये सरजू तीर।
अवध बीचे,
होली खेलत रघुवीर।
हनुमान पिचकारी रंग डारे,
भरत भुआल डाले अबीर।
अवध बीचे,
होली खेलत रघुवीर।
कोशिला केकई मुशुकी छांटत ,
राजा दशरथ बड़न धीर गंभीर।
अवध बीचे,
होली खेलत रघुवीर।
लखन लाल बचाव में लागल ,
सुमित्रा के डेरावत राम के फिकीर।
अवध बीचे,
होली खेलत रघुवीर ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें