हमार उहाँ के - विष्णुदेव तिवारी

(भोजपुरी कविता)

हमार उहाँ के - विष्णुदेव तिवारी

सुनले बानीं
मेहरारू के ओठ पर अमरित बसेला
हमार उहाँ के हथवो में अमरित बसल बा
उहाँ के डालल
एको चिटुकी चीनी से
चाहावा
अत मीठ हो जाला कि
हमरा पत पारी कान पकड़े परेला--
ना, ए दादा, अब ना!

साठा भइलीं
अब जो चिनियाइब त
कुछ बाकी ना रही
मए काम-धाम छोड़ के
सरिहावे परी
सब खाता-बही।

- विष्णुदेव तिवारी
बक्सर (बिहार)

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